प्रतिदिन सुबह मुस्कुराहट के साथ दिन की शुरुआत करने से पूरा दिन उत्साह और ऊर्जा से भरा रहता है . जब व्यक्ति मुसकुराता है , तो सारी चिंताओ से मुक्त होकर आत्मिक सुकून महसूस करता है . इसलिए योगासन करते समय व्यक्ति को ताली बजाकर हसने या ठहाका लगाने का सुझाव दिया जाता है,क्योंकि ऐसा करने से शरीर मे सुप्तावस्था मे रहने वाली कोशिकाए भी जागृत हो जाती है, सौन्दर्य के लिए भी मुस्कुराहट बहुत उपयोगी है. हम देखते है की मुस्कुराने पर हमारे चेहरे पर मांसपेशिया सिकुरती और रिलीज होती है, इस दौरान चेहरे पर रक्त प्रवाह बढ़ कर उसकी रंगत निखरती है. तो फिर चलिए एक स्वस्थ मुस्कान के साथ हम अपनी जीवन यात्रा को आगे बढ़ाते है।

तीन प्रकार के मुस्कान

हालांकि मुस्कुराहट का कोई निश्चित आकार प्रकार तो नहीं , फिर भी मनोवैज्ञानिक तीन प्रकार के मुस्कुराहट को प्रमुखता से बताते है, जो व्यक्तित्व को दर्शाते है.

1. डचेन मुस्कान :-

फ्रांसीसी न्यूरोलोगीस्ट डचेन के नाम से यह मुस्कान शुद्ध आनंद से सजी वास्तविक मुस्कान को दर्शाती है. इसमे व्यक्ति के गाल, आंखे , पूरा चेहरा सक्रिये होता है . शोधकर्ताओ ने इसे मैत्रीपूर्ण मुस्कान माना ।

2. सहयोगी मुस्कान :-

जब हम किसी से पहली बार मिलते है और उसके सामने खुद को बेहतर दिखाना चाहते है, तो यही हल्की मुस्कान चेहरे पर अपनाते है, इसमे अक्सर गालों पर डिम्पल-सा दिखाई देने लगता है।

3. विनम्र मुस्कान :-

इसमे व्यक्ति का मुह मुसकुराता तो है , मगर आंखे सामान्य बनी रहती है . यह अक्सर तब लाई जाती है जब व्यक्ति सामने वाले को अच्छी तरह से जनता नहीं, मगर बातचीत मे खुद को सहज, विनम्र रखता है।


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